बीमा प्रीमियम क्या है? | what is an insurance premium in Hindi

बीमा प्रीमियम क्या है? और यह कैसे काम करती है?, बीमा प्रीमियम के प्रकार, बीमा प्रीमियम की गणना कैसे की जाती है? (what is an insurance premium, How does insurance premium work, Types of Insurance Premium, How to Calculate Insurance Premiums)

आपके बीमा अनुबंध की गारंटी का फ़ायदा उठाने के लिए, आपको अपने बीमाकर्ता कंपनी को बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होता है। इस प्रीमियम की राशि हमेशा उस कवरेज के स्तर पर निर्भर करती है जिससे आप लाभान्वित होने वाले हैं।

बीमा प्रीमियम क्या है? (what is an insurance premium)

एक बीमा प्रीमियम वह राशि है जो किसी बीमाधारक को अपने लिए किये गए बीमा अनुबंध के तहत बीमाकर्ता कंपनी को भुगतान करता है। यह वह अंतिम राशि है जिसका भुगतान आप तब करते हैं जब आपका अनुबंध बीमा कंपनी के साथ पूर्वनिर्धारित जोखिमों के विरुद्ध कवर होने के लिए परिपक्व होता है। इसलिए बीमा प्रीमियम आपको एक निश्चित अंतराल (मासिक, त्रेमासिक, अर्धवार्षिक, और वार्षिक आदि) पर बीमा कंपनी को देनी होती है|

आम तौर पर, आपके द्वारा सब्सक्राइब किए गए कवरेज की संख्या के आधार पर आपका बीमा प्रीमियम बढ़ता है। आपके पास जितनी अधिक गारंटी होगी, उतने अधिक जोखिम कवर होंगे। बीमाकर्ताओं के पास “बेंचमार्क प्रीमियम” भी होता है, जिसका उपयोग वे अपने सदस्यों के लिए प्रीमियम निर्धारित करने के लिए एक संकेतक के रूप में करते हैं।

insurance premium meaning in hindi: बीमा प्रीमियम/बीमा किश्त/

बीमा प्रीमियम कैसे काम करता है? (How does insurance premium work)

जब हम किसी बीमा कंपनी से बीमा खरीदते है तो हमे उस बीमा के बदले कुछ राशि का भुगतान करना होता है। बीमाधारक अपनी बीमा प्रीमियम का भुगतान बीमा के अनुसार चुन सकता है।

कुछ बीमा कंपनियां अपने बीमाधारक को किश्तों में बीमा प्रीमियम भुगतान करने का विकल्प देती है। जैसे मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, या वार्षिक आदि। जबकि कई अन्य बीमा कंपनिया किसी भी कवरेज से शुरू होने से पहले पूर्णरूप से अग्रिम भुगतान करने का विकल्प देती है।

बीमा प्रीमियम के प्रकार (Types of Insurance Premium)

विभिन्न प्रकार की बीमा कंपनिया की नियम और शर्तों के अनुसार बीमा प्रीमियम मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है। आइए इन प्रकारों के बारे में विस्तार से जानते है:

लेवल प्रीमियम (Level premium)

जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है। उसके साथ आपका जोखिम भी बढ़ता जाता है। उसके साथ आपकी बीमा प्रीमियम भी बढ़ती जाती है। बीमाधारक के लिए चीजे आसान बनाने के लिए बीमा कंपनियां बीमा की पूरी अवधि तक एक स्तर की राशि का भुगतान करने का विकल्प देती हैं। इसका अर्थ यह है की आपकी प्रीमियम राशि निश्चित रहती है तथा बीमा अवधि के दौरान बदलती नहीं है।

बढ़ता हुआ प्रीमियम (Increasing premium)

जो बीमाधारक लेवल प्रीमियम का भुगतान नहीं करना चाहते है। वे बढ़ते हुए प्रीमियम का विकल्प चुन सकते है। यानी इसमें पॉलिसी अवधि के दौरान आपकी प्रीमियम बढ़ती रहती है।

घटता हुआ प्रीमियम (Decreasing premium)

जो बीमाधारक लेवल प्रीमियम या बढ़ता हुआ प्रीमियम का विकल्प नहीं चुनना चाहते है। वे बीमाधारक घटते हुए प्रीमियम का विकल्प चुन सकते है। यह प्रीमियम mortgage redemption पॉलिसी पर लागू होते है। ऐसे बीमा में बाकी ऋण राशि की कमी के साथ बीमा प्रीमियम कम हो जाता हैं।

बीमा प्रीमियम किन किन कारकों पर निर्भर करती हैं?

बीमा प्रीमियम की कई कारकों पर निर्भर करती हैं। जिससे हर पॉलिसी की प्रीमियम अलग अलग हो सकती है।

बीमा प्रीमियम में शामिल मुख्य कारक

  • बीमाधारक ने जिस प्रकार की पॉलिसी चुनी है
  • बीमाधारक की उम्र
  • बीमाधारक के आदतें जैसे धूम्रपान, शराब आदि।
  • बीमाधारक की मेडिकल हिस्ट्री
  • बीमाधारक की आय (Income)
  • वैवाहिक स्थिति और बीमाधारक पर आश्रित लोग
  • कर्ज

बीमा प्रीमियम की गणना कैसे की जाती है? (How to Calculate Insurance Premiums)

बीमा कंपनियां बीमाधारक की मृत्यु की स्थिति में मृत्यु राशि, यानी वह राशि जो बीमाधारक की मृत्यु के बीमाधारक को देनी होती है, बीमा कंपनियां इस बात का ध्यान रखती है। बीमा प्रीमियम ऊपर दिए गए कारकों का आकलन करके तैयार की जाती है।

बीमा कंपनियों की लागत जैसे ऑफिस खर्च या किराया, एजेंटो का कमीशन, कर्मचारियों के सैलरी आदि आपकी प्रीमियम तय करती हैं। आपके द्वारा निवेश की गई प्रीमियम पर मिले ब्याज को भी प्रीमियम गणना से पहले ध्यान में रखा जाता है।

एक व्यक्ति का बीमा दूसरे व्यक्ति से अलग हो सकता है, क्योंकि प्रीमियम गणना एक से अधिक स्तर की प्रोसेस है। यह कई कारणों पर निर्भर करती हैं।


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